बुधवार, 2 जून 2010

रूप का नज़ारा प्यार नहीं होता

रूप का नज़ारा प्यार नहीं होता,
मन चाहा सपना साकार नहीं होता,
हर किसी पर ना मर मिटना दोस्त क्युकि,
हर दिल में हमारे जितना प्यार नहीं होता|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL