रविवार, 6 जून 2010

एक है आसमान का तारा तो दूसरा है समुन्दर का किनारा

एक है आसमान का तारा तो दूसरा है समुन्दर का किनारा,
बेवफा है जमाना सारा,
पर नसीब है अच्छा हमारा,
जो मिला है एक दोस्त आप जैसा प्यारा|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL