शनिवार, 19 जून 2010

यादों ने पास आकर कुछ यूँ गुनगुना दिया

यादों ने पास आकर कुछ यूँ गुनगुना दिया,
जैसे किसी ने भुला हुआ फ़साना सुना दिया,
जाने क्या बात थी उस गुजरे कल में,
की आँखें रोयी लेकिन चेहरा मुस्करा दिया|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL