मंगलवार, 8 जून 2010

खुशनसीब होते है ये बदल जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते है

खुशनसीब होते है ये बदल जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते है,
और एक बदनसीब है हम,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी आपसे मिलने को तरसते है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL