शनिवार, 5 जून 2010

लिखने वाले एक एहसान लिख दे

लिखने वाले एक एहसान लिख दे,
मेरे दोस्त कि तकदीर में एक और मुस्कान लिख दे,
ना मिले कभी दर्द उनको,
तू चाहे तो उनकी तकदीर में मेरी जान लिख दे|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL