रविवार, 13 जून 2010

डूब जाती है कश्तिया जब आते है तूफान

डूब जाती है कश्तिया जब आते है तूफान,
 यादें रह जाती है बिछड़ जाते है इन्सान,
याद रखो तो बहुत करीब पाओगे,
भूल जाओगे तो ढूढते रह जाओगे|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL