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विजय पटेल का ब्लॉग
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आज मौसम को क्या हो गया
मैं वक़्त कि हलचलों का साफ़ आइना हूँ
दोस्तों मैं आज दिल्ली जा रहा हूँ
आपकी एक मुस्कराहट से हम होश गवां बैठे
अपनों कि याद से बड़ी कोई दौलत नहीं होती
आपको दिल से सलाम करते है
दुनिया में जीने के बहाने हजार होते है
दिल में दीप जलाने से क्या फायदा
आप की कमी भी है,आप का एहसास भी है,
एक खतरनाक विडियो क्लिप जरुर देखें
किसी दर्द को संभाल पाना आसान नहीं
किसी का हाथ थाम कर छोड़ना नहीं
इश्क की गली में हमने खुद को भुला दिया
हवाओं के हाथ एक अरमान भेजा है
तक़दीर से हमें तब हिस्सा मिलता है
होती नहीं मोहब्बत सूरत से
यादों ने पास आकर कुछ यूँ गुनगुना दिया
दीवानों की तरह उसे मैंने प्यार किया
अपने प्यार को छुपा ना सके
दिल्लगी दोस्तों के नाम होती है
अपनों कि याद से बड़ी कोई दौलत नहीं होती
सरदार-तेरे रिजल्ट दा कि होया..?
दिल से आपका ख्याल जाता नहीं
डूब जाती है कश्तिया जब आते है तूफान
एक दिन मुस्कराहट ने हमसे पूछा
हमेशा रब से वो मांगो जो आपकी किस्मत में हो
भूल कर आपको जायेंगे कहाँ
मुद्दत से थी किसी से मिलने कि आरजू
मुस्कराना ही तो ख़ुशी नहीं होती है
कह दो उन पढ़ने वालो से
चेहरे कि हँसी से हर गम मिटा दो
ना कोई पल सुबह है ना कोई पल शाम है
दिल और तारों में यह फर्क है कि
दिल दिया ऐतबार कि हद थी
अपनी मुलाकात कुछ अधूरी सी लगी
हमसे पूछो किसी के खोने का दर्द क्या होता है
ज़िन्दगी एक पल है
आप मेरी दुआओं में सामिल हो इस तरह
खुशनसीब होते है ये बदल जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसत...
दिल देना मगर भरोसा मत करना
इश्क सभी को जीना सिखा देती है
तेरी दोस्ती ने ज़िन्दगी को एक मकसद दिया है,
फिजा में महकी शाम हो तुम
एक है आसमान का तारा तो दूसरा है समुन्दर का किनारा
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता
जीते हुए को याद में क्या दोगे
सिर्फ रिश्तों के बंधन को विश्वास नहीं कहते
एक मुलाकात अंजान होती है
लिखने वाले एक एहसान लिख दे
आज दुल्हन को लाल जोड़े में उसे उसकी सखियों ने सजाया...
दिल तोड़ने वालों को सजा क्यूँ नहीं मिलती
समेट लो इन हँसते हुए नाज़ुक पलों को
हर कर्ज दोस्ती का अदा कौन करेगा
काश ये ज़ालिम जुदाई ना होती
K-lite का सबसे नया संस्करण 6.00
पानी से तस्वीर कहा बनती है
रूप का नज़ारा प्यार नहीं होता
मीलों के फासलों में दूरी ना हो
जब किसी कि चाहत किसी का अरमान बन जाये
जिनके दिल पर लगती है चोट वो आँखों से नहीं रोते
रूठे जो ज़िन्दगी तो मना लेंगे हम
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मंगलवार, 8 जून 2010
दिल देना मगर भरोसा मत करना
प्रस्तुतकर्ता बेनामी
दिल देना मगर भरोसा मत करना,
मुस्कराना मगर आंसू मत बहाना,
प्यार करना मगर दूर मत होना,
ए दोस्त हमें मार डालना मगर धोखा मत देना|
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