शुक्रवार, 11 जून 2010

मुद्दत से थी किसी से मिलने कि आरजू

मुद्दत से थी किसी से मिलने कि आरजू,
ख्वाहिश-ए- दीदार में सब कुछ गवा दिया,
किसी ने दी खबर कि वो आयेंगे रात को,
इतना किया उजाला कि घर तक जला दिया|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL