मंगलवार, 15 जून 2010

अपनों कि याद से बड़ी कोई दौलत नहीं होती

अपनों कि याद से बड़ी कोई दौलत नहीं होती,
साथ रहना ही अपनों कि जरुरत नहीं होती,
दूरिया कर देती है यादों को जिन्दा,
वर्ना रना यादों कि कोई कीमत  नहीं होती|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL