मंगलवार, 30 मार्च 2010

जिसके दीदार के लिए दिल तड़पता है

जिसके दीदार के लिए दिल तड़पता है,
जिसके इंतजार  में दिल तरसता है,
क्या करें इस कमबख्त दिल  का,
जो अपना होके किसी और के लिए धड़कता है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL