बुधवार, 24 मार्च 2010

तमन्ना थी किसी को अपना बनाने कि

तमन्ना थी किसी को अपना बनाने कि,
तमन्ना थी किसी का हो जाने कि,
पर क्या पता था जिसके हम होना चाहते है,
उन्हें आदत नहीं किसी को अपना बनाने कि|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL