शुक्रवार, 19 मार्च 2010

वो सामने थे और हम पलकें उठा ना सके

वो सामने थे और हम पलकें उठा ना सके,
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके,
ना देख ले वो तस्वीर हमारी आँखों में,
बस यही सोच कर हम उनसे नज़र मिला ना
सके|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL