कसूर ना उनका था और ना मेरा,
हम दोनों रिश्तों कि रश्में निभाते रहे,
वो दोस्ती का अहसास जताते रहे,
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे|
हम दोनों रिश्तों कि रश्में निभाते रहे,
वो दोस्ती का अहसास जताते रहे,
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे|
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