मंगलवार, 9 मार्च 2010

हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे

कसूर ना उनका था और ना मेरा,
हम दोनों रिश्तों कि रश्में निभाते रहे,
वो दोस्ती का अहसास जताते रहे,
हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL