गुरुवार, 11 मार्च 2010

लोफ्जों कि तरह दिल कि किताबों में मिलेंगे

लोफ्जों कि तरह दिल कि किताबों में मिलेंगे,
या बनके महक आपको गुलाबों में मिलेंगे,
मिलाने के लिए हमसे ए दोस्त जरा ठीक से सोना,
आज हम तुमसे ख्वाबों में मिलेंगे|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL