बुधवार, 3 मार्च 2010

हो नहीं सकता कि आपकी याद ना आये

हो नहीं सकता कि आपकी याद ना आये,
भूल कर भूलूं वो एहसास ना आये,
तुम भूलो तो तुम पर कोई आंच ना आये,
मैं भूलूं तो मुझे अगली सांस ना आये|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL