गुरुवार, 4 मार्च 2010

बेवफा से रिश्ता बना बैठे

हम फिर बेवफा से रिश्ता बना बैठे,
फिर उनकी सादगी से धोखा खा बैठे,
पत्थरों से ताल्लुकात है अपना,
फिर भी शीशे का घर बना बैठें|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL