आइना कुछ नहीं नज़र का धोखा है,
नज़र वो नहीं आता जो दिल में होता है,
आईने और दिल का एक ही फ़साना है,
अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना है|
शुक्रवार, 19 मार्च 2010
आइना कुछ नहीं नज़र का धोखा है
प्रस्तुतकर्ता बेनामी
लेबल:
लव शायरी
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आइना कुछ नहीं नज़र का धोखा है,
नज़र वो नहीं आता जो दिल में होता है,
आईने और दिल का एक ही फ़साना है,
अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना है|
लेबल:
लव शायरी