बुधवार, 30 मार्च 2011

पिघलती है मोम रोशनी के लिए

पिघलती है मोम रोशनी के लिए,
होती है मुहब्बत ज़िन्दगी के लिए,
ज़िन्दगी फ़ना है आपकी ख़ुशी के लिए,
कुर्बान है हर सांस आपकी दोस्ती के लिए|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL