मंगलवार, 1 मार्च 2011

रोती हुई आँखों से तुझे मुस्कान कैसे दूं

रोती हुई आँखों से तुझे मुस्कान कैसे दूं,
अनजान हूँ खुद तुझे पहचान कैसे दूं,
तू ही तो है मेरी जान तू ही बता,
तुझे अपनी जान कैसे दूं|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL