शनिवार, 12 मार्च 2011

सारी उम्र आँखों में कोई सपना याद रहा

सारी उम्र आँखों में कोई सपना याद रहा,
 साल बीत गए मगर हो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उस शख्स में,
सारी महफ़िल भूल गए मगर वो चेहरा याद रहा|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL