सोमवार, 28 मार्च 2011

हमने तो काँटों को भी नरमी से छुआ है

हमने तो काँटों को भी नरमी से छुआ है,
लेकिन लोग बेदर्द फूलों को मसल देते है,
कौन देता है उम्र भर का सहारा यारों,
लोग जनाजे में भी कन्धों को बदल देते है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL