सोमवार, 13 सितंबर 2010

दोस्ती तो ज़िन्दगी का वो खूबसुरत लम्हा है

दोस्ती तो ज़िन्दगी का वो खूबसुरत लम्हा है,
जिसका अंदाज सब रिश्तों से अलबेला है,
जिसे मिल जाये वो खुश............,
जिसे ना मिले वो लाखों में अकेला है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL