रविवार, 5 सितंबर 2010

जब खामोश आँखों से बात होती है

जब खामोश आँखों से बात होती है,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तुम्हारे ही ख्यालों में खोये रहते है,
पता नहीं कब दिन कब रात होती है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL