शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

दिल का दर्द जब पनाहों पर उतर जाता है

दिल का दर्द जब पनाहों पर उतर जाता है,
एक आंसू भी दरिया बन जाता है,
दिल के टूटने की आवाज भी नहीं होती,
और सारा दर्द गजल बन जाता है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL