गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

ना जाने क्यूँ अभी एक आंसू आँख से छलका

ना जाने क्यूँ अभी एक आंसू आँख से छलका,
दिल को शायद तुम्हारी याद आयी,
चाहत है तुमसे इतनी मिलने की,
हँसते हुए आँख भर आयी| 

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL