शनिवार, 23 अप्रैल 2011

आपकी यादों की महक इन हवाओं में है

आपकी यादों की महक इन हवाओं में है,
कुछ अपना सा बिखरा इन फिजाओं में है,
खुशियाँ चूमें आपके कदम,
यही सपना इन निगाहों में है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL