बुधवार, 13 अप्रैल 2011

अक्सर नशा हमें हो जाता है

अक्सर नशा हमें हो जाता है,
और इल्ज़ाम शराब पर आता है,
कुसूर उस जाम का नहीं दोस्तों,
कुसूर तो उस चेहरे का है.......
जो हमें हर जाम में नज़र आता है| 

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL