सोमवार, 4 अप्रैल 2011

फूलों के बीच कड़े होकर भी खुसबू की कमी है

फूलों के बीच कड़े होकर भी खुसबू की कमी है,
बहारों के बीच झूमकर भी खुशियों की कमी है,
सबके साथ होते हुए भी मेरे दोस्त....
आपकी कमी है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL