रविवार, 10 अप्रैल 2011

काश खुशियों की एक दुकान होती

काश खुशियों की एक दुकान होती,
और हमें उनकी पहचान होती,
भर देते आपका हर पल खुशियों से,
कीमत इसकी चाहे जान होती|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL