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विजय पटेल का ब्लॉग
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ज़िन्दगी ने दिया सब कुछ पर वफ़ा ना दी
उनको भुलाना इतना आसन नहीं है
ना जाने क्यूँ अभी एक आंसू आँख से छलका
जब आपका नाम जुबान पर आता है
दिल में हो जब प्यार किसी के लिए
चाहत है मौत की जो पास नहीं आती
हर बात कह कर समझायी नहीं जाती
आपकी यादों की महक इन हवाओं में है
तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सिखा दिया
कब निकालता है कोई दिल में बस जाने के बाद
हर एक जज्बात को जुबान नहीं मिलती
रिश्ते पर नाज़ करो
वो भूल गए कि उन्हें हँसाया किसने था
कोई ख्वाहिश आपकी अधूरी ना रहे
हर राह एक नयी मंजिल है
रात को चुपके से आती है एक पारी
यादों से जुदा होकर याद आते हो आप
अक्सर नशा हमें हो जाता है
एक अजीब दास्ताँ है मेरे अफ़साने की
रोती हुई आँखों में इंतजार होता है
काश खुशियों की एक दुकान होती
अगर कोई आपका दिल दुखाएं तो
जिसे हद से ज्यादा प्यार करो
जब कुछ सपने अधूरे रह जाते है
ख्वाहिशों को दबाना गलत है
फुर्सत जब भी मिले तो ज़रूर याद कीजिये
फूलों के बीच कड़े होकर भी खुसबू की कमी है
वर्ल्ड कप हमारा है
खुदा हमको ऐसी खुदाई ना दें
मै और मेरी तन्हाई अक्सर ये बातें करतें हैं
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शनिवार, 16 अप्रैल 2011
हर राह एक नयी मंजिल है
प्रस्तुतकर्ता बेनामी
हर राह एक नयी मंजिल है,
क़दमों का संभालना ज़रा मुश्किल है,
एक अच्छा दोस्त अगर साथ न हो,
तो धुप क्या छाँव में भी चलना मुश्किल है|
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VIJAY PATEL