शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

हर रास्ता एक सफ़र चाहता है

हर रास्ता एक सफ़र चाहता है,
हर मुसाफिर एक हमसफ़र चाहता है,
जैसे चाहती है चांदनी चाँद को,
कोई है जो आपको इस कदर चाहता है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL