बुधवार, 8 दिसंबर 2010

ग़मों के आँच में आंसू बहाकर तो देखों

ग़मों के आँच में आंसू बहाकर तो देखों,
बनेगें रंग किसी पर डाल कर तो देखों,
तुम्हारे दिल कि चुभन जरुर कम होगी,
किसी के पांव से कांटे निकलकर तो देखों||

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL