बुधवार, 20 अक्तूबर 2010

फूल बनकर मुस्कुराना ज़िन्दगी है

फूल  बनकर  मुस्कुराना  ज़िन्दगी  है ,
मुस्कुराके  गम  भुलाना  ज़िन्दगी  है ,
मिलकर  लोग  खुश  होते  है  तो  क्या  हुआ ,
बिना  मिले  दोस्ती  निभाना  भी  ज़िन्दगी  है |

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL