बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

कभी अँधेरा तो कभी शाम होगी

कभी अँधेरा तो कभी शाम होगी,
मेरी हर ख़ुशी आपके नाम होगी,
कुछ मांग कर तो देखो.......
होठों पर हंसी और हथेली पर जान होगी|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL