सोमवार, 11 अक्तूबर 2010

क्यू दिल के मेरे टुकड़े कर दिये

क्यू  दिल  के  मेरे  टुकड़े  कर  दिये,
क्यू  मेरे  आंसू  को  अपनी  मुस्कान  से  बहा  दिये,
गुनाह  क्या  था  मेरा  बस  चाहना  तुम्हे,
क्यू  मेरी  ज़िन्दगी  में  तुने  दर्द  भर दिये |

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL