क्यू दिल के मेरे टुकड़े कर दिये,
क्यू मेरे आंसू को अपनी मुस्कान से बहा दिये,
गुनाह क्या था मेरा बस चाहना तुम्हे,
क्यू मेरी ज़िन्दगी में तुने दर्द भर दिये |
सोमवार, 11 अक्टूबर 2010
क्यू दिल के मेरे टुकड़े कर दिये
प्रस्तुतकर्ता बेनामी
लेबल:
लव शायरी