गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

ज़िक्र उनका ही आता है मेरे हर फ़साने में

ज़िक्र उनका ही आता है मेरे हर फ़साने में,
जिनको इतना याद करते है ज़माने में,
तन्हाई में उनकी ही यादों का सहारा मिला,
नाकामयाब रहे जिन्हें हम भूल जाने में|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL