गुरुवार, 20 मई 2010

सांसो कि महक हो या चेहरे का नूर

सांसो कि महक हो या चेहरे का नूर,
चाहते है आपको तो इसमें मेरा क्या कसूर,
खुदा से हम एक दिन पूछेंगे ज़रूर कि,
चाँद से क्यूँ है उसकी चांदनी दूर...|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL