शनिवार, 1 मई 2010

मजबुरियो को हम आँखों में छुपा लेते है

मजबुरियो को हम आँखों में छुपा लेते है,
हम कहाँ रोते है हालात रुला देते है,
हम तो हर पल याद करते है आपको,
पर आप याद ना करने का इल्जाम लगा देते है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL