मंगलवार, 4 मई 2010

नफरतें लाख मिली कोई मोहब्बत नहीं मिली

नफरतें लाख मिली कोई मोहब्बत नहीं मिली,
ज़िन्दगी बीत गयी पर रहत नहीं मिली,
उसकी महफ़िल में हर शख्स को हँसते देखा,
बस एक मैं था जिसे हँसने कि इजाजत नहीं मिली|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL