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विजय पटेल का ब्लॉग
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वीएलसी मीडिया प्लेयर का नया संस्करण 1.1.0 RC1
एक कबूतर कार से टकराकर बेहोश हो गया
ताज़ी हवा में फूलों कि महक हो
सरदार जी आपको कभी किसी से प्यार हुआ है
अपने रिश्ते पर हमें नाज़ है
दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता
रातें गुमनाम होती है
निगाहों से निगाहे मिलकर तो देखो
आँखे से दूर हो पर दिल से नहीं
हर ज़िन्दगी को एक किनारा चाहिए
एक ख़ुशी के लिए हर ख़ुशी से दूर हुआ हम
शिकवे भी होंगे हमसे शिकायत भी होगी हमसे
ज़रूर किसी ने दिल से पुकारा होगा
ना चाहत है सितारों कि
हर दिल में दर्द छुपा होता है
दोस्ती का हक़ हम यु अदा करेंगे
Foxit Reader 3.3.1.0518 का नवीनतम संस्करण
दिल ने कहा कि कोई तुझे याद कर रहा है
प्यार के मामले में तो हम कच्चे है
कुछ रिश्ते खुदा बनता है
दुनिया जिसे नींद कहती है
सावन ने भी किसी से प्यार किया है
हम वो नहीं जो मतलब से याद करते है
रिश्ते तो सभी अनमोल होते है
सांसो कि महक हो या चेहरे का नूर
कुछ यादें याद रखना
कर्ज रिश्ते का अदा कौन करेगा
हर कदम पर ज़ख्म देती है जिंदगी
आपकी यादो कि महक इन हवावों में है
इस हवा में खुसबू है आपकी
ना करता शिकायत जमाने से कोई
गालो पर आंसू कि लकीर बन गयी
कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने कि
कीमती पलों को यु ही ना बिताना
आंसू कि कीमत वो जानते है जो किसी को याद करते है
दोस्ती नज़रों से हो तो कुदरत कहते है
बिछड़े हुए याद दे जायेंगे
प्यार को भुलाना फितरत नहीं हमारी
अगर तुम एक पेंसिल बनकर किसी कि खुशिया नहीं लिख सकत...
प्यार मोहब्बत के दिन ना होंगे
दूर हो या पास हो
ज़िन्दगी के कुछ लम्हे यादगार होते है
दोस्त कि याद हर वक़्त सताएगी
कैलेंडर का बेहतरीन साफ्टवेयर
नफरतें लाख मिली कोई मोहब्बत नहीं मिली
खुदा कि इबादत में वो एक दुआ हमारी होगी
इस कदर अगर याद करोगे हमें
अँधेरे ने कभी रोशनी नहीं देखी
ख़ामोशी में जो सुनाओगे वो आवाज हमारी होगी
मजबुरियो को हम आँखों में छुपा लेते है
दर्द को भी अब दर्द होने लगा है
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मंगलवार, 4 मई 2010
इस कदर अगर याद करोगे हमें
प्रस्तुतकर्ता बेनामी
इस कदर अगर याद करोगे हमें,
तो कैसे भूल पाओगे हमें,
जब जायेंगे ये जहां छोड़कर हम,
तब क्या खुदा से मांग पाओगे हमें|
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