बुधवार, 21 अप्रैल 2010

सूरज आसपास हो ना हो

सूरज आसपास हो ना हो,
रोशनी आसपास रहती है,
चाँद  आसपास हो ना हो,
चांदनी आसपास रहती है,
वैसे ही आप पास हो ना हो,
आपकी यादे हमेशा साथ रहती है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL