रविवार, 18 अप्रैल 2010

हसती रहे आप हज़ारो के बीच

हसती रहे आप हज़ारो के बीच,
जैसे हसता है फूल बहारो के बीच,
रोशन हो आप दुनिया में इस तरह,
जैसे होता है चाँद सितारों के बीच|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL