सोमवार, 26 अप्रैल 2010

बहते अश्को कि जुबान नहीं होती

बहते अश्को कि जुबान नहीं होती,
दोस्ती लफ्जो में बयान नहीं होती,
मिले कोई दोस्त तो क़दर करना,
क्युकि किस्मत हर किसी पर मेहरबान नहीं होती|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL