बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

धड़कन रोती है पर पलक नहीं रोती

दिल  टूट  जाता  है पर  खनक नहीं  होती,
हर  धड़कन  रोती  है  पर  पलक  नहीं  रोती,
मोहब्बत  नाम    है  खुदा  कि बानगी  का ,
जो  शर्तों  पर  मिले  वह  नोहब्बत  नहीं होती|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL