रविवार, 8 मई 2011

जिसने हक दिया मुझे मुस्कराने का

जिसने हक दिया मुझे मुस्कराने का,
उसे शौक है अब मुझे रुलाने का,
जो लहरों से छीन कर लाया था किनारों पर,
इंतज़ार है उसे अब मेरे डूब ज़ाने का|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL