मंगलवार, 3 मई 2011

जब सूरज निकालने लगता है

जब सूरज निकालने लगता है,
आपका नाम मेरे होठों पर खिलने लगता है,
कुछ इस तरह से आपकी याद आती है कि,
ज़िन्दगी का हर पल महकने लगता है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL