रविवार, 1 मई 2011

ना चाहत है सितारों की

ना चाहत है सितारों की,
ना तमन्ना है नजारों की,
ना आरजू है जन्नत की,
ना ख्वाहिश है बहारों की,
आप जैसा एक अपना हो तो
क्या जरुरत है हज़ारों की|   

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL