शनिवार, 5 फ़रवरी 2011

यादों से जुड़कर याद आते हो आप

यादों से जुड़कर याद आते हो आप,
याद आकर याद बन जाते हो आप,
यादों ही यादों में हर जगह नज़र आते हो आप,
क्यूँ यादों को यादगार बना जाते हो आप|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL