बुधवार, 2 फ़रवरी 2011

प्यार तो ज़िन्दगी का लम्हा है

प्यार तो ज़िन्दगी का लम्हा है,
ये सब रिश्तों से अलबेला है,
जिसे मिल जाये वो तन्हाई में खुश है,
जिसे ना मिले वो भीड़ में भी अकेला है|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL