सोमवार, 17 जनवरी 2011

कोई दिखाके रोये,कोई छुपाके रोये

कोई दिखाके रोये,कोई छुपाके रोये,
हमें हँसाने वाले आज हमें रुला के रोये,
मरने  का  मज़ा  तब  भी  है  यारों,
जब कातिल भी जनाज़े पर आकर रोये|

विजय पटेल का ब्लॉग © 2011 BY VIJAY PATEL